गणतंत्र दिवस पर सिद्धू की रिहाई का मामला फंसा
अभी तक नहीं मिली पंजाब सरकार की मंजूरी
अब मुख्यमंत्री पर टिकी है सबकी निगाहें
Punjab News: पंजाब प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की गणतंत्र दिवस पर रिहाई का मामला फंस गया है। पंजाब में गणतंत्र दिवस पर होने वाली कैदियों की सूची को अभी तक राज्य सरकार की मंजूरी नहीं मिली है। पंजाब सरकार की कैबिनेट की मंजूरी के बाद इस सूची को राजभवन भेजा जाना है जिसके बाद कैदियों की रिहाई का रास्ता साफ होगा मगर पंजाब कैबिनेट की बैठक अभी तक नहीं हो सकी है।
पहले यह बैठक एक फरवरी को तय की गई थी मगर अब इसकी तारीख बढ़ाकर तीन फरवरी कर दी गई है। इस कारण 26 जनवरी को सिद्धू की रिहाई के मामले में बड़ा पेंच फंस गया है। कांग्रेस नेता सिद्धू को 1988 में हुए रोड रेज मामले में एक साल की सजा सुनाई गई थी। जेल सूत्रों का कहना है कि अच्छे बर्ताव और बची हुई छुट्टियों के मद्देनजर सिद्धू की रिहाई चार महीने पहले की जा सकती है।
अब मुख्यमंत्री पर टिकी है सबकी निगाहें
सिद्धू की रिहाई के संभावना के कारण उनके समर्थकों में कई दिनों से जश्न का माहौल दिख रहा है। सिद्धू के समर्थकों की ओर से उनकी रिहाई के बाद जोरदार जश्न और स्वागत की तैयारियां की गई हैं मगर अब 26 जनवरी को सिद्धू के रिहाई का मामला ही खटाई में पड़ गया है। अब सबकी निगाहें इस बात पर लगी हुई हैं कि पंजाब सरकार की ओर से सिद्धू की रिहाई के संबंध में फैसला कब लिया जाता है।
सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पंजाब कैबिनेट की बैठक 3 फरवरी को हो सकती है। रिहा होने वाले कैदियों की सूची को कैबिनेट की मंजूरी के बाद राज्यपाल के पास भेजा जाएगा। वैसे कुछ सूत्रों का यह भी कहना है मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान इस संबंध में अपने स्तर पर भी फैसला ले सकते हैं। ऐसे में सबकी निगाहें मुख्यमंत्री मान के फैसले पर टिकी हुई हैं
सिद्धू की पत्नी ने बढ़ाई सक्रियता
सिद्धू की रिहाई से पहले ही उनकी पत्नी और कांग्रेस नेता नवजोत कौर सिद्धू ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। सिद्धू के सियासी भविष्य को लेकर उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा की है। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक नवजोत कौर ने इस बाबत कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी व केसी वेणुगोपाल से बातचीत की है। सिद्धू के प्रति पार्टी नेतृत्व का रुख सकारात्मक दिख रहा है।