सुप्रीम कोर्ट करेगा आज याचिकों पर सुनवाई
शीर्ष न्यायालय ने परीक्षा पर रोक लगाने से किया था इंकार
मंत्रियों का दावा शीर्ष अदालत छात्रों के ‘जीने के अधिकार’ को सुरक्षित करने में विफल
NEET के लिए 15.97 लाख JEE-Mains के लिए 8.50 लाख स्टूडेंट्स का है पंजीकरण
नेशनल डेस्क: NEET और JEE परीक्षाएं Postponed करने की मांग को लेकर दी गई दलीलों को शीर्ष न्यायालय ने खारिज करते हुए परीक्षा पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था। अब बीजेपी और विपक्षी दल NEET और JEE प्रवेश परीक्षा को लेकर आमने-सामने हैं। दरअसल, विपक्षी पार्टियों ने परीक्षाओं को स्थगित (Postponed) करने की मांग की है और इसी सिलसिले में Supreme Court का दरवाजा खटखटाया है। छह गैर-भाजपा शासित राज्यों के मंत्रियों ने exam करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पुनर्विचार याचिका दाखिल की है। सुप्रीम कोर्ट में आज इन याचिकों पर सुनवाई होनी है।
जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस कृष्ण मुरारी की तीन सदस्यीय पीठ चेंबर में रिव्यू पिटीशन पर विचार करेगी। बता दें, छात्रों ने कोरोना महामारी,बाढ़ और लॉकडाउन में परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने में आने वाली कठिनाइयों का हवाला देते हुए परीक्षा स्थगित करने की मांग की थी। छात्रों की इस मांग को कई राज्यों और राजनीतिक दलों ने भी समर्थन दिया था ।
मंत्रियों ने दावा किया कि शीर्ष अदालत छात्रों के ‘जीने के अधिकार’ को सुरक्षित करने में विफल रही है और COVID -19 महामारी के दौरान परीक्षा आयोजित करने में आने वाली कठिनाइयों की अनदेखा किया है। याचिका दायर करने वालों में पश्चिम बंगाल के मलय घटक, झारखंड के रामेश्वर उरांव, राजस्थान के रघु शर्मा, छत्तीसगढ़ के अमरजीत भगत, पंजाब के बीएस सिद्धू और महाराष्ट्र के उदय रवींद्र सावंत शामिल हैं।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने परीक्षाओं के संबंध में अपने ट्वीट में कहा था, “यह हमारा कर्तव्य है कि हम छात्रों के लिए एक सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करें।”
बता दें कि NEET की परीक्षा के लिए 15.97 लाख स्टूडेंट्स और JEE-Mains (Joint Entrance Examination) के लिए करीब 8.50 लाख स्टूडेंट्स ने पंजीकरण (registered) किया है। National Examination Agency (NTA) दोनों परीक्षाओं का आयोजन करती है, NTA JEE-Mains परीक्षा 1 से 6 सितंबर तक आयोजित कर रही है और नीट की परीक्षाओं 13 सितंबर को आयोजित होगी।