FATF की मीटिंग से पहले भारत के हाथ लगा एक बड़ा सबूत
मिलेगी FATF में पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट करने में मजबूती
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को मिला एक नया दस्तावेज
नेशनल डेस्क: जम्मू-कश्मीर में आतंक फैलाने वाली पाकिस्तान की एजेंसियों और आतंकवादियों के बीच साठगांठ का बड़ा सबूत हाथ लगा है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने एक नया दस्तावेज हासिल किया है, जो पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस ISI के साथ आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन की करीबी की पुष्टि करता है। यह दस्तावेज अक्टूबर में फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स FATF की मीटिंग से पहले भारत के हाथ लगा है। इसलिए उम्मीद की जा रहा है कि, एफएटीएफ में पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट कराया जा सकता है।
भारत में कई हमलों के लिए जिम्मेदार प्रतिबंधित आतंकी संगठन के ISI के साथ संबंधों के स्पष्ट प्रमाण मिलने से भारतीय एजेंसियां बहुत उत्साहित हैं। भारतीय एजेंसियों का मानना है कि इस दस्तावेज से FATF में पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट करने में मजबूती मिलेगी। बता दें कि पाकिस्तान की खुफिया निदेशालय, इस्लामाबाद की ओर से हाल ही में जारी दस्तावेज भारतीय एजेसिंयों के हाथ लगे हैं। दस्तावेज के मुताबिक, प्रतिबंधित आतंकवादी समूह हिजबुल मुजाहिदीन का प्रमुख सैयद मुहम्मद यूसुफ शाह उर्फ सैयद सलाहुद्दीन ‘आधिकारिक तौर पर’ पाकिस्तान की एजेंसी आईएसआई के साथ काम कर रहा है।
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निदेशक/कमांडिंग अधिकारी वजाहत अली खान के नाम से जारी इस पत्र में कहा गया है, ‘यह प्रमाणित है कि सैयद मुहम्मद यूसुफ शाह, इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस आईएसआई, इस्लामाबाद) के साथ काम कर रहे हैं। वह इस विभाग के अधिकारी हैं। सलाहुद्दीन के वाहन का विवरण साझा करते हुए निर्देश है कि उन्हें सुरक्षा की मंजूरी दे दी गई है और अनावश्यक रूप से रोका नहीं जाना चाहिए।’ इसमें यूसुफ शाह को हिजबुल मुजाहिदीन का अमीर यानी मुखिया बताया गया है। सलाहुद्दीन के लिए जारी किया पत्र 31 दिसंबर, 2020 तक मान्य है।