- कृषि बिल को राज्यसभा ने दिखाई हरी झंडी
- विपक्षी दल कर रहे हैं विरोध प्रदर्शन
- तीसरा बिल आज होगा पेश
नेशनल डेस्क : संसद सत्र की रविवार को हुई बैठक में कृषि से जुड़े दो विधेयकों को ध्वनि मत से मंजूरी मिल गयी है । जिसको लेकर विपक्षी दलों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। नारेबाजी करते विपक्षी दलों के सांसद उपसभापति के आसन तक पहुंच गए।
दरअसल, राज्यसभा में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर विधेयक को लेकर विपक्ष के तीखे सवालों का जवाब दे रहे थे। जिसकों लेकर राज्यसभा में विपक्षी सदस्यों ने हंगामा मचा दिया। अब आज राज्यसभा में तीसरा बिल पेश किया जाएगा। हालांकि, इन बिलों को लेकर किसान संगठन और विपक्ष लगातार विरोध कर रहे हैं।
बिल पास न होने के लिए विपक्षी पार्टियों ने किए मुकम्मल प्रयास
विरोध कर रहे दलों ने सदन की गरिमा को ताक पर रखकर विरोध को ज़ारी रखा। विपक्षी सदस्य बिल का विरोध करते हुए पीठासीन अधिकारी के आसन की ओर बढ़े और उनकी तरफ नियम पुस्तिका को उछाला, सरकारी कागजातों को फाड़ डाला। उप सभापति हरिवंश ने सदस्यों को अपने स्थानों पर वापस जाने और कोविड-19 के कारण सोशल दूरी बनाने का पालन करते के लिए आसन के समीप नहीं आने के लिए कहा, लेकिन हंगामा रुका नहीं। जिसके बाद उप सभापति ने पहले लाइव कार्यवाही के ऑडियो को बंद करवा दिया और फिर कार्यवाही को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया। जब सदन की कार्यवाही दोबारा शुरु हुई तो विपक्षी दलों ने नारे लगाने शुरू किए। लेकिन हरिवंश ने उनके विरोध को दरकिनार कर ध्वनि मत से विधेयक को पारित कर दिया।
पहले विधेयक APMC के तहत किसान ये लाभ ले पाएँगे…
किसान मनचाही जगह पर फसल बेच सकते हैं। दूसरे राज्यों में भी जाकर बिना किसी रुकावट के व्यापार कर सकते हैं। APMC (कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य विधेयक 2020) के दायरे से बाहर भी खरीद-बिक्री संभव है। ऑनलाइन बिक्री इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग से होगी, जिससे मार्केटिंग लागत बचेगी और बेहतर दाम भी मिलेंगे। फसल की बिक्री पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। संवर्धन और सुविधा पर ज़ोर दिया गया है।
मूल्य आश्वासन पर किसान (बंदोबस्ती और सुरक्षा) समझौता और कृषि सेवा विधेयक 2020 देगा ये लाभ…
किसान कंपनियों को अपनी कीमत पर फसल बेचेंगे। किसानों की आय बढ़ेगी, बिचौलिया राज खत्म होगा। राष्ट्रीय स्तर पर कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग की व्यवस्था बनेगी। रिस्क किसानों का नहीं, एग्रीमेंट करने वालों पर होगा। तय समय सीमा में विवाद निपटारे की व्यवस्था होगी।