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सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत पर सेना ने तोड़ी चुप्पी,कांग्रेस नेता ने मांगे थे सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत

  • सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत पर सेना ने तोड़ी चुप्पी

  • कांग्रेस नेता ने मांगे थे सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत

  • पूर्वोत्तर में सुरक्षा स्थिति में काफी हद तक हुआ सुधार

(नेशनल डेस्क) सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत की कुछ विपक्षी नेताओं की मांग के बीच थलसेना की पूर्वी कमान प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कलिता ने शुक्रवार को कहा कि किसी भी ऑपरेशन को अंजाम देते समय सेना सबूत रखने के बारे में नहीं सोचती. सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत की मांग कर रहे कुछ विपक्षी नेताओं की हाल की मांगों पर पत्रकारों के एक ‘राजनीतिक सवाल’ का जवाब देने से इनकार करते हुए उन्होंने कहा कि देश भारतीय बलों पर भरोसा करता है.

प्रेस क्लब, कोलकाता में ‘प्रेस से मिलिए’ कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ‘यह एक राजनीतिक सवाल है. इसलिए मैं इस पर टिप्पणी करना पसंद नहीं करता. मुझे लगता है कि देश भारतीय सशस्त्र बलों पर भरोसा करता है.’ यह पूछे जाने पर कि क्या अभियान के दौरान सेना कोई सबूत रखती है, उन्होंने ‘न’ में जवाब दिया. उन्होंने कहा, ‘जब हम कोई अभियान करने जाते हैं, तो हम उस अभियान का कोई सबूत नहीं रखते.’

पूर्वी कमान के प्रमुख जनरल आरपी कलिता ने कहा हमें सावधान रहने की जरूरत है. ( फोटो- ANI)

दरअसल कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह ने कहा था कि वे लोग सर्जिकल स्‍ट्राइक की बात करते हैं, इसमें कई लोगों को मारने का दावा करते हैं, लेकिन कोई सबूत नहीं है. उन्‍हें प्रमाण दिखाना चाहिए, लेकिन वे झूठ के पुलिंदे से शासन चला रहे हैं. इस पर मचे हंगामे के बाद कांग्रेस ने इस बयान से पल्‍ला झाड़ लिया था. बाद में दिग्विजय सिंह ने भी सफाई दी थी.

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने दिग्विजय सिंह के बयान को हास्यास्पद करार दिया था और कहा था कि सशस्त्र बल अपना काम असाधारण तरीके से कर रहे हैं और उन्हें कोई सबूत देने की आवश्यकता नहीं है. कांग्रेस के राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने कहा था कि दिग्विज सिंह के विचार उनके निजी थे और यूपीए सरकार ने भी 2014 से पहले सर्जिकल स्ट्राइक की थी. कांग्रेस ने देश के हित में सभी सैन्य कार्रवाइयों का समर्थन किया था और करती रहेगी.

कलिता ने कहा कि चीन के साथ पूर्वी सीमा पर हालात ‘स्थिर’ हैं, लेकिन सीमा के बारे में अपरिभाषित धारणाओं के कारण उसको लेकर पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता है. अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा  की निगरानी का जिम्मा पूर्वी कमान पर है. लेफ्टिनेंट जनरल कलिता ने यह भी कहा कि सेना सीमा पार गतिविधियों की लगातार निगरानी कर रही है और किसी भी उभरती चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है.

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