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बिहार चुनाव: चुनाव आयोग के लिए COVID-19 बना बड़ी चुनौती, जानिए क्या कहा

  • चुनाव पर पड़ सकता है कोरोना का प्रभाव
  • चुनाव आयोग का बड़ा बयान – बिहार का दोबारा जायजा लेगी टीम
  • मतदान केंद्रों की संख्या में 40 फीसदी वृद्धि

बिहार डेस्क: कोरोना काल का प्रभाव 6 महीने बाद भी जारी है। हर दिन कोरोना संक्रमण का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। कोरोना काल से अर्थव्यवस्था पर भी खतरा मंडराने लगा है। बिजनेस ठप हो गए, मार्केट में पूंजी खत्म हो रही है वहीं निवेश नहीं किए जाने पर देश की अर्थव्यवस्था ओर भी अधिक गिर सकती है। अभी तक अर्थव्यवस्था पर इसका प्रभाव देखा जा रहा था लेकिन अब चुनाव पर भी पड़ने लगा। बिहार में 1314 नए कोरोना संक्रमित मिले हैं। कोरोना के चलते चुनाव आयुक्त ने भी बड़ा बयान दिया है।

कोरोना के बीच दोेबार बिहार का दौरा करेगी टीम

मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि विस चुनाव के मद्देनज़र वहां दोबारा टीम भेजने के लिए 2-3 का समय लग सकता है। कोरोना संक्रमण के बीच बिहार विस चुनाव की तैयारियों का जायजा के लिए चुनाव आयोग की टीम दोबार दौरा करेगी।

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विश्व में चुनाव प्रबंधन संस्थाओं के लिए चुनौती

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि आपदा की इस स्थिति से पूरे विश्व में चुनाव प्रबंधन संस्थाओं के सामने यह बहुत बड़ी चुनौती है। कब और कैसे चुनाव के कार्यक्रम तय किए जाए। सुनील अरोड़ ने आयोग द्वारा कोविड-19 के दौरान चुनाव चुनौतियां और नवाचार विषय पर आयोजित अंतराष्ट्रीय बेबीनार में कहा। साथ ही कोरोना संक्रमण को देखते हुए वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं, दिव्यांगों और पाॅजिटिव मरीजों के विषय में भी चर्चा की।

40 फीसदी से अधिक बूथ की संभावना

कोविड-19 के मद्देनज़र बिहार में कुल 72.9 मिलियन वोटर है। वहीं कोरोना नियमों का पालन करना भी अनिवार्य और आवश्यक है। इसे स्मरण करते हुए मतदाताओं की संख्या को प्रति बूथ 15 साल से घटकार 1000 किया गया है। इस वजह से मतदान केद्रों की संख्या में 40 फीसदी की वृद्धि की गई है। वहीं बूथों की संख्या अब बढ़कर 65 हजार से 1 लाख हो गई है।

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