चुनावी पोस्टर, बैनर से सजे रोड और गलियारे
वरिष्ठ नेताओं के साथ पोस्टर के माध्यम से ठोक रहे टिकट की दावेदारी
बिहार चुनाव में युवाओं नेताओं पर जोर
बिहार डेस्क: बिहार विधानसभा चुनाव 2020 को लेकर राजनीतिक पार्टीया मैदान में उतर चुकी है। सत्ताधारी पार्टी अपने किए गए कार्यों का बखान कर रही है, नए-नए लोकनिर्माण और कई कार्यों का षिलान्यास भी किया गया। बता दें कि चुनाव जितने नज़दीक आ रहे हैं तैयारियां उतनी मजबूत होती दिख रही है। रोड़ और गलियारे पोस्टरों से सजने लगे हैं।
पोस्टर से पेश कर रहे दावेदारी
चुनावी तैयारियों में जुटे नेतागण के साथ युवा नेता भी अपना लक चुनाव में आजमाने लगे हैं। ऐसे में वरिष्ठ नेताओं के साथ युवा नेता भी अपने समर्थन पोस्टर लगाकर टिकट पर दावा करने की कोशिश कर रहे हैं।
जिताऊ शख्स को टिकट मिलने पर निराशा होती है
बिहार में वोटों का समीकरण देखे तो सबसे ज्यादा वोट युवा वर्ग से आते हैं। युवा ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के लिए चुनाव के दौरान दिन – रात एक करते हैं। नेताओं के सहयोग के लिए दिन रात पोस्टर, बैनर, होर्डिंग लगाने में लगे रहते हैं। इस उम्मीद से यह करते है आगामी विस या लोकसभा चुनावों में उन्हें इसका फल मिलेगा। लेकिन टिकट वितरण के दौरान टिकट जीताऊ शख्स को प्राथमिकता से दिया जाता है तक निराशा होती है।
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नेताओं के साथ पहुंच रहे दफ्तर
बता दें कि चुनाव जैसे – जैसे करीब आ रहे हैं पार्टिया अपने प्रत्याशियों को लेकर सक्रिय हो गई है। वहीं पार्टी दफ्तरों के बाहर टिकट की चाह में युवा नेता अपने वरिष्ठ नेता और समर्थकों के साथ कार्यालय पहुंच रहे हैं।
युवाओं ने जीती सर्वाधिक सीट
इस बार पटना में बीरचंद पटेल पथ पर स्थित आरजेडी कार्यालय में युवा आरजेडी के महासचिव गुड्डू यादव को इस बार वैषाली जिले के महुआ सीट से टिकट मिलने की संभावना है। गौरतलब है कि इस सीट से पिछले विधानसभा चुनाव में लालू यादव के बेटे ने 43 फीसदी वोट के साथ जीत दर्ज की थी। वहीं इस बार युवा विंग के महासचिव गुड्डू यादव इस सीट से दावेदारी कर रहे हैं।
तेजप्रताप यादव नहीं लड़ते चुनाव तो गुड्डू ने जताई इच्छा
गुड्डू यादव के अनुसार अगर तेजप्रताप महुआ से नहीं खड़े होते हैं तो उन्होंन इस बार आरजेडी के टिकट से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है। वहीं कांग्रेस ने दावा किया की महागठबंधन में जो भी सीट मिलेगी उस पर युवाओं को अधिक मिलेगा। बता दें कि 2015 विधानसभा चुनाव में सबसे अधिक जीत युवा विधायकों ने दर्ज की थी। कांगे्रेस के साथ ही भाजपा भी इस बार चुनाव में ष्युवा चेहरों पर अधिक ध्यान की कोषिष कर रही है।