बिकरू हत्याकांड मामले में खुशी दुबे को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत
सर्वोच्च अदालत ने उन्हें सशर्त जमानत दे दी है
कोर्ट ने कहा कि घटना के वक्त वह सिर्फ 17 साल की थीं
Up Desk: कानपुर के सबसे चर्चित बिकरू कांड के आरोपी रहे अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है. बुधवार को सर्वोच्च अदालत ने खुशी दुबे को जमानत देते हुए कहा कि घटना के वक्त उनकी उम्र सिर्फ 17 साल की थी। ऐसे में उन्हें हवालात में रखने का कोई औचित्य नहीं है। खुशी दुबे 2 साल से ज्यादा वक्त से जेल में बंद थी. बिकरू कांड में खुशी भी आरोपी बनाई गई थी. पुलिस ने उन्हें जुलाई 2020 में गिरफ्तार किया था। बता दें कि दो साल पहले हुए कानपुर के बिकरू कांड में 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। मामले के मुख्य आरोपी विकास दुबे को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था।
कोर्ट ने कहा कि खुशी दुबे के जमानत की शर्त ट्रायल कोर्ट तय करेगा। खुशी दुबे के वकील शिवाकांत दीक्षित ने बताया स्थित कोर्ट में जमानती पत्र दाखिल कर खुशी को जेल से रिहा कराया जाएगा। उन्हें हर हफ्ते SHO के सामने हाजिरी लगानी होगी। बता दें कि इससे पहले इलाहाबाद जिला अदालत और हाई कोर्ट ने खुशी दुबे को जमानत देने से इनकार कर दिया था।
दरअसल, बिकरू कांड में आरोपियों की मदद के आरोप में खुशी दुबे जेल में बंद थी. खुशी दुबे, बिकरू कांड में DSP और SO सहित 8 पुलिसकर्मियों को शहीद करने वाले कुख्यात अपराधी विकास दुबे के करीबी अमर दुबे की पत्नी हैं. बिकरू कांड के बाद पुलिस ने अमर दुबे को भी एक एनकाउंटर में मार गिराया था. खुशी पर बिकरू कांड के आरोपियों की मदद करने का आरोप है.
मामले में पुलिस ने पहले खुशी दुबे को निर्दोष बताया था लेकिन बाद में जेल भेज दिया था. हालांकि दो साल बाद सुप्रीम कोर्ट से उन्हें जमानत मिल गई है. कोर्ट में सुनवाई के दौरान यूपी सरकार ने जमानत देने का विरोध किया, लेकिन जमानत देने के साथ कोर्ट ने ख़ुशी दुबे को हर सप्ताह पुलिस थाने में हाजिरी लगाने की शर्तो के साथ जमानत दे दी है.