बिहार में भाजपा ने बदली रणनीति
लालू यादव से ज्यादा नीतीश कुमार पर निशाना
अमित शाह के हमलों के क्या हैं सियासी मायने
National Desk: बिहार में 2024 की सियासी जंग में भाजपा की रणनीति अब बदली हुई नजर आ रही है। कभी राज्य में जंगलराज को लेकर राजद और लालू प्रसाद यादव पर हमलावर रहने वाली भाजपा अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर ज्यादा हमला करने में जुट गई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के शनिवार को बिहार दौरे के दौरान इस बात की साफ तौर पर झलक दिखी।
शाह अपनी सभा और बैठकों के दौरान लगातार नीतीश कुमार पर हमलावर दिखे। उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश कुमार के लिए अब भाजपा के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो गए हैं। राजद से हाथ मिलाने के मुद्दे पर भी उन्होंने नीतीश कुमार की जमकर खिंचाई की। सियासी जानकारों का मानना है कि भाजपा नीतीश कुमार की ओर से विपक्षी एकता के लिए की जा रही कोशिशों को नाकाम करने की मुहिम में जुट गई है। इसी के साथ ही भाजपा की कोशिश नीतीश कुमार की छवि धूमिल करने की भी है ताकि अगले लोकसभा चुनाव में उसका सियासी फायदा उठाया जा सके।
नीतीश कुमार से हिसाब चुकाने की कोशिश
भाजपा की ओर से सोची समझी रणनीति के तहत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ हमले किए जा रहे हैं। दरअसल नीतीश कुमार के एनडीए छोड़कर महागठबंधन में शामिल होने के बाद भाजपा अब नीतीश कुमार से हिसाब चुकाने की कोशिश में जुट गई है। इसी कारण गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को अपनी बिहार यात्रा के दौरान लगातार नीतीश कुमार पर हमले की रणनीति अपनाई।
2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को बिहार में बड़ी कामयाबी मिली थी और इस बार भी पार्टी ने राज्य की 40 लोकसभा सीटों पर नजरें गड़ा रखी हैं। पार्टी की चुनावी संभावनाओं को मजबूत बनाने के लिए भाजपा नेता अब नीतीश के खिलाफ खुलकर सामने आ गए हैं। तभी नीतीश कुमार को सुशासन बाबू की संज्ञा देने वाले भाजपा नेता लगातार इस बात को कह रहे हैं कि उन्होंने बिहार को कुशासन के गर्त में धकेल दिया है।
शाह ने भी किया डील का उल्लेख
बेतिया में कल हुई रैली के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि नीतीश कुमार कभी राजद के राज को जंगलराज बताया करते थे। अब उन्होंने मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए राजद के आगे खुद को समर्पित कर दिया है। उन्होंने महागठबंधन की सरकार पर भी तीखे हमले किए। उन्होंने राजद और जदयू के गठबंधन को तेल और पानी का गठबंधन बताया। उन्होंने कहा कि राजद तेल है और जदयू पानी है और दोनों का मेल कभी नहीं हो सकता।
अपने संबोधन के दौरान अमित शाह ने नीतीश कुमार की ओर से की गई उस डील का भी उल्लेख किया जिसकी चर्चा बिहार की सियासत में उपेंद्र कुशवाहा पिछले कई दिनों से करते रहे हैं। उपेंद्र कुशवाहा ने भी आरोप लगाया था कि नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव को सीएम बनाने के लिए राजद से डील की है। अमित शाह ने भी इस ओर इशारा करते हुए कहा कि मौजूदा समय में भले ही नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं मगर उन्होंने आगे चलकर तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाने के लिए लालू प्रसाद यादव से सौदा किया है। इसी कारण राजद नेताओं की ओर से जल्द से जल्द तेजस्वी को सत्ता सौंपने की मांग की जा रही है।
नीतीश कुमार के लिए भाजपा के दरवाजे बंद
अतीत में नीतीश कुमार भाजपा का साथ छोड़ने के बाद फिर भाजपा से हाथ मिला चुके हैं मगर अमित शाह ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि नीतीश कुमार के लिए भाजपा के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश कुमार को हर तीन साल बाद प्रधानमंत्री बनने का सपना आता है और इसी कारण उन्होंने भाजपा का साथ छोड़कर राजद से हाथ मिलाया है।
उन्होंने नीतीश कुमार को अवसरवादी बताते हुए यहां तक कहा कि उनका यह सपना कभी पूरा नहीं होने वाला है। लोकनायक जयप्रकाश नारायण का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि उन्होंने जीवन भर कांग्रेस के खिलाफ लड़ाई लड़ी मगर नीतीश कुमार कुर्सी के लिए कांग्रेस की गोद में ही जाकर बैठ गए।
सियासी जानकारों का मानना है कि आने वाले दिनों में भाजपा की ओर से नीतीश कुमार पर हमले और तेज किए जाएंगे। इसके साथ ही भाजपा बिहार में नीतीश विरोधी नेताओं को गोलबंद करने की कोशिश में भी जुटी हुई है। आने वाले दिनों में इस मुहिम के नतीजे दिख सकते हैं।