भगवान की नहीं पंडितों की देन है जाति
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत का रामचरितमानस विवाद के बीच बड़ा बयान
भगवान ने नहीं बनाई बल्कि पंडितों ने बनाई है जाति
(नेशनल डेस्क) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने रामचरितमानस विवाद के बीच बड़ा बयान दिया है। RSS प्रमुख मोहन भागवत ने जाति व्यवस्था पर कहा कि जाति भगवान ने नहीं बनाई है बल्कि जाति पंडितों ने बनाई है। उन्होंने कहा कि भगवान ने हमेशा बोला है कि मेरे लिए सभी एक है..उनमें कोई जाति या वर्ण नहीं है.. लेकिन पंडितों ने श्रेणी बनाई जो कि गलत था। आरएसएस प्रमुख ने कहा कि देश में विवेक,चेतना सभी एक है उसमें कोई अंतर नहीं बस मत अलग-अलग हैं। आरएसएस प्रमुख ने यह बयान मुंबई में संत रविदास की जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान दिया।
भागवत ने कहा कि हमारे समाज को बांटकर लोगों ने हमेशा से फायदा उठाया है। सालों पहले देश में आक्रमण हुए, फिर बाहर से आए लोगों ने हमें बांटकर फायदा उठाया। नहीं तो हमारी ओर नजर उठाकर देखने की भी किसी में हिम्मत नहीं थी। इसके लिए कोई जिम्मेदार नहीं। जब समाज में अपनापन खत्म होता है तो स्वार्थ अपने आप बड़ा हो जाता है।देशभर में रामचरितमानस की एक चौपाई को लेकर छिड़े विवाद के बीच मोहन भागवत ने यह बयान दिया है। बता दें कि उत्तरप्रदेश में समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था- तुलसीदास की रामचरितमानस में कुछ अंश ऐसे हैं, जिनपर हमें आपत्ति है। इसमें वह शुद्रों को अधम जाति का होने का सर्टिफिकेट दे रहे हैं।
आरएसएस चीफ ने कहा, ‘देश में हिन्दू समाज के नष्ट होने का भय दिख रहा है क्या? यह बात आपको कोई ब्राह्मण नहीं बता सकता, आपको समझना होगा। हमारी आजीविका का मतलब समाज के प्रति भी जिम्मेदारी होती है। हर काम समाज के लिए है तो कोई ऊंचा, नीचा, या कोई अलग कैसे हो गया?देश में विवेक, चेतना सभी एक है, उसमें कोई अंतर नहीं है। सिर्फ लोगों के मत अलग हैं। धर्म को हमने बदलने की कोशिश नहीं की, बदलता तो धर्म छोड़ दो, ऐसा बाबासाहेब अंबेडकर ने कहा। परिस्थिति को कैसे बदलो, यह बताया है।