- आज है धुव्र योग तथा भरणी नक्षत्र
- इस नक्षत्र में जन्में लोगों के स्वामी होते हैं मंगल और शुक्र
धर्म डेस्क: आज 07 सितंबर अश्विन मास, कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि दिन सोमवार है। इसके अलावा आज ग्रहों की बदलती दिशा-दशा से धुव्र योग तथा भरणी नक्षत्र बन रहा है। साथ ही साथ आज पंचमी श्राद्ध विशेष रहेगा। ज्योतष शास्त्र में कुल 27 नक्षत्र हैं, जिनमें में से सभी का अपना अपना महत्व व प्रभाव है। बात करें भरणी नक्षत्र की तो ये इसे आकाश मंडल में मौजूद नक्षत्रों में से दूसरा ग्रह माना जाता है। धार्मिक मान्यताएं हैं कि भरणी का अर्थ ‘धारक’ से है। तो वहीं अन्य किंवदंतियों के अनुसार राजा दक्ष की एक पुत्री का नाम भरणी थी, जिनके नाम से ही इस नक्षत्र का नाम रखा गया। बता दें इस नक्षत्र में यम देव का पूजन करनाे का तथा व्रत आदि का महत्व है।
इस नक्षत्र में जन्में जातकों की राशि मेष है जिसका स्वामी मंगल है, लेकिन नक्षत्र का स्वामी शुक्र है। जिस कारण इन जातकों पर मुख्य रूप से जीवन पर मंगल और शुक्र का प्रभाव रहता है।
इस नक्षत्र में जन्मे बच्चे
सूर्योदय-06:02 ए एम
सूर्यास्त-06:35 पी एम
चन्द्रोदय-09:38 पी एम
चन्द्रास्त-10:13 ए एम
शक सम्वत-1942 शर्वरी
विक्रम सम्वत-2077 प्रमाथी
गुजराती सम्वत-2076 विरोधकृत्
अमान्त महीना-भाद्रपद
पूर्णिमान्त महीना-आश्विन
वार-सोमवार
पक्ष-कृष्ण पक्ष
तिथि-पंचमी – 09:38 पी एम तक
नक्षत्र-भरणी – पूर्ण रात्रि तक
योग-ध्रुव – 04:38 पी एम तक
करण-कौलव – 08:22 ए एम तक
द्वितीय करण-तैतिल – 09:38 पी एम तक
सूर्य राशि-सिंह
चन्द्र राशि-मेष
राहुकाल-07:36 ए एम से 09:10 ए एम
गुलिक काल-01:52 पी एम से 03:27 पी एम
यमगण्ड-10:44 ए एम से 12:18 पी एम
अभिजित मुहूर्त-11:53 ए एम से 12:43 पी एम
दुर्मुहूर्त-12:43 पी एम से 01:34 पी एम
दुर्मुहूर्त-03:14 पी एम से 04:04 पी एम
अमृत काल-03:02 ए एम, सितम्बर 08 से 04:50 ए एम, सितम्बर 08
वर्ज्य-04:13 पी एम से 06:01 पी एम