उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग नई औद्योगिक नीति पर कर रहा काम
दुनिया के लिए मेक इन इंडिया का मसौदा विभिन्न मंत्रालयों के पास उनके सुझावों के लिए भेजा गया
प्रस्तावित नीति का उद्देश्य देश में एक अभिनव और प्रतिस्पर्धी औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देना है
नई दिल्ली। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) एक नई औद्योगिक नीति पर काम कर रहा है, जिसमें उद्योग के लिए वित्त पोषण स्रोतों को बढ़ाने और ‘मेड इन इंडिया’ ब्रांड के लिए एक नयी योजना का प्रस्ताव है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
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नीति में उद्योग तक वित्त की व्यापक पहुंच के लिए विभिन्न तरीकों का सुझाव दिया जाएगा। इसमें प्रतिस्पर्धी दरों पर वित्त मुहैया कराने के लिए एक विकास वित्त संस्थान की स्थापना करना और इस तरह के वित्त पोषण के लिए विदेशी मुद्रा भंडार के कुछ हिस्से के इस्तेमाल पर भी विचार किया जा रहा है। ‘औद्योगिक नीति 2022 पर बयान – दुनिया के लिए मेक इन इंडिया’ का मसौदा विभिन्न मंत्रालयों के पास उनके सुझावों के लिए भेजा गया है।
सूत्रों ने कहा कि प्रस्तावित नीति का उद्देश्य देश में एक अभिनव और प्रतिस्पर्धी औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देना और कुछ नीतिगत उपायों के जरिए उद्योग के मुद्दों और चुनौतियों का समाधान करना है। इस मकसद को हासिल करने के लिए जिन क्षेत्रों की पहचान की गई है, उनमें प्रतिस्पर्धा और क्षमता पर ध्यान देना, आर्थिक एकीकरण और वैश्विक मूल्य श्रृंखला को आगे बढ़ाना, भारत को एक आकर्षक निवेश गंतव्य के रूप में बढ़ावा देना, नवाचार और उद्यमिता को प्रोत्साहन और वैश्विक मानकों को हासिल करना शामिल है।
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