समूह के शेयरों की गिरावट खबर पर पहली बार बोले गौतम अडाणी
समूह कामकाज के तरीकों को सबसे अधिक अंतरराष्ट्रीय भागीदारों ने स्वीकृत किया है
मौजूदा कामकाज और भावी योजनाओं पर इस फैसले का कोई असर नहीं होगा
नई दिल्ली। उद्योगपति गौतम अडानी ने समूह की कंपनियों के शेयरों में जारी गिरावट के बीच बृहस्पतिवार को पहली बार चुप्पी तोड़ी। उन्होंने कहा कि बाजार में उतार-चढ़ाव के कारण उनके समूह की प्रमुख कंपनी के अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) को पूर्ण अभिदान मिलने के बाद भी उसे वापस लेने का फैसला किया गया।
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अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में बंदरगाह से लेकर ऊर्जा क्षेत्र में कारोबार कर रहे समूह पर ‘गड़बड़ी’ और ‘खाते में धोखाधड़ी’ के आरोप के बाद दोनों पक्षों के बीच सार्वजनिक तौर पर जारी ‘वार-पलटवार’ के बीच पहली बार अडानी ने बयान जारी किया।
अडानी ने वीडियो संदेश में निवेशकों से कहा, ‘‘अडाणी एंटरप्राइजेज के एफपीओ को पूर्ण अभिदान मिलने के बाद उसे वापस लेने के फैसले से कई लोगों को हैरानी हुई होगी। लेकिन कल (बुधवार) बाजार में आए उतार-चढ़ाव को देखते हुए निदेशक मंडल का मानना है कि एफपीओ को जारी रखना नैतिक रूप से सही नहीं होगा।’’ कंपनी ने निवेशकों का पैसा वापस करने का निर्णय किया है।
अडानी ने कहा, ‘‘एक उद्यमी के रूप में चार दशकों से अधिक की मेरी सहज यात्रा में मुझे सभी पक्षों से खासकर निवेशकों भरपूर समर्थन मिला। मेरे लिये, निवेशक समुदाय के हित सबसे ऊपर है और हर चीज इसके बाद आती है। इसीलिए निवेशकों को संभावित नुकसान से बचाने के लिये, हमने एफपीओ को वापस लिया है।’’
अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट और अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में गिरावट को लेकर संसद में भी मामला उठा। विपक्षी दलों ने इस पर चर्चा और संयुक्त संसदीय दल से मामले की जांच की मांग की। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने भी बैंकों से अडाणी समूह की कंपनियों को दिये गये कर्ज के बारे में ब्योरा मांगा है।
अडानी ने कहा, ‘‘मौजूदा कामकाज और भावी योजनाओं पर इस फैसले का कोई असर नहीं होगा। हम परियोजनाओं को समय पर पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कंपनी की बुनियाद मजबूत है। हमारा बही-खाता ठोस और परिसम्पत्तियां मजबूत हैं। हमारा कर पूर्व आय (ईबीआईटीडीए) का स्तर और नकदी प्रवाह काफी मजबूत रहा है तथा ऋण चुकाने का हमारा रिकॉर्ड बेदाग है।
हम लंबी अवधि के मूल्य निर्माण पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखेंगे और वृद्धि के कार्य आंतरिक संसाधनों के जरिये किये जाएंगे।’’ बाजार स्थिर होने के बाद शेयर बिक्री की योजना बनाई जाएगी। अडाणी ने कहा, ‘‘हमारा ध्यान ‘ईएसजी’ (पर्यावरण, सामाजिक और शासन) पर अधिक रहेगा और हमारा हर व्यापार जिम्मेदारी के साथ काम करेगा और मूल्य सृजित करेगा। हमारे कामकाज के तरीकों को सबसे अधिक अंतरराष्ट्रीय भागीदारों ने स्वीकृत किया है।’’
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