सुप्रीम कोर्ट में आजम की याचिका पर सुनवाई
यूपी सरकार ने जवाब दाखिल करने के लिए मांगा समय
22 जुलाई को होगी मामले की अगली सुनवाई
नेशनल डेस्क: समजावादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। आजम खान ने यूपी की योगी सरकार पर सुप्रीम कोर्ट की अवमानना करने का आरोप लगाया है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से एक हफ्ते में जवाब मांगा है। आजम खान के वकील कपिल सिब्बल ने कहा है कि यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के जौहर यूनिवर्सिटी में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश की अवमानना की है। 27 जून को सुप्रीम कोर्ट ने यूनिवर्सिटी में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था। लेकिन राज्य सरकार ने रामपुर में जौहर यूनिवर्सिटी का रास्ता बंद कर दिया है। यूनिवर्सिटी के मुख्य द्वार पर तारों से घेरा बांध दिया गया है। इसकी वजह से यूनिवर्सिटी के अंदर कोई नही जा सकता और सारा काम रुक गया है।
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वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि 27 जून को सुप्रीम कोर्ट ने यूनिवर्सिटी में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था। लेकिन तारों की घेराबंदी इस तरह की गई है कि यूनिवर्सिटी में जाना ही संभव नहीं है। ये सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना है। सिब्बल ने इस बाबत तस्वीरें भी कोर्ट को दिखाईं। इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूनिवर्सिटी के कुछ हिस्से की जमीन को जब्त करने का आदेश दिया था। लेकिन 27 जून को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था। हालांकि राज्य सरकार के वकील ने आज कहा कि ये घेराबंदी सुप्रीम कोर्ट के 27 जून के आदेश से पहले की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस जेबी पारडीवाला की पीठ ने यूपी सरकार को 19 जुलाई तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही मामले की आगे सुनवाई 22 जुलाई को तय की गई। इससे पहले शीर्ष कोर्ट की अवकाशकालीन पीठ ने 27 मई को इलाहाबाद हाईकोर्ट की शर्त पर रोक लगा दी थी। हाईकोर्ट ने आजम खान की जमानत शर्त के तौर पर रामपुर के जिला कलेक्टर को निर्देश दिया था कि वे जौहर यूनिवर्सिटी परिसर से लगी जमीन को सरकार के कब्जे में लें।
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