अडाणी समूह का खुल्लम-खुल्ला शेयरों में गड़बड़ी और लेखा धोखाधड़ी में शामिल रहा
समूह ने इस आरोप को पूरी तरह से बेबुनियाद बताया
कंपनी का एफपीओ 27 जनवरी को खुलकर 31 जनवरी को बंद होगा
नई दिल्ली। वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने आरोप लगाया है कि अडाणी समूह ‘खुल्लम-खुल्ला शेयरों में गड़बड़ी और लेखा धोखाधड़ी’ में शामिल रहा है। हालांकि, समूह ने इस आरोप को पूरी तरह से बेबुनियाद बताया। उसने कहा कि यह कुछ और नहीं बल्कि उसकी शेयर बिक्री को नुकसान पहुंचाने के गलत इरादे से किया गया है।
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अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग के अनुसार उसके दो साल के शोध के बाद यह पता चला कि 17,800 अरब रुपये (218 अरब डॉलर) मूल्य वाला अडाणी समूह दशकों से ‘खुल्लम-खुल्ला शेयरों में गड़बड़ी और लेखा धोखाधड़ी’ में शामिल रहा है। यह रिपोर्ट अडाणी समूह की प्रमुख कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज के 20,000 करोड़ रुपये के अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) के आवेदन के लिये खुलने से ठीक पहले आयी है। कंपनी का एफपीओ 27 जनवरी को खुलकर 31 जनवरी को बंद होगा।
अडाणी समूह ने कहा कि रिपोर्ट को लेकर तथ्यों की पुष्टि के लिये उससे कोई संपर्क नहीं किया गया और यह अचंभित और परेशान करने वाला है। बंदरगाह से लेकर ऊर्जा क्षेत्र में काम कर रहे समूह ने कहा कि रिपोर्ट कुछ और नहीं बल्कि चुनिंदा गलत और निराधार सूचनाओं को लेकर तैयार की गयी है और जिसका मकसद पूरी तरीके से दुर्भावनापूर्ण है। जिन बातों के आधार पर रिपोर्ट तैयार की गयी है, उसे भारत की अदालतें भी खारिज कर चुकी हैं। समूह ने रिपोर्ट के समय को लेकर भी सवाल उठाया है।
उसने कहा कि एफपीओ से ठीक पहले जारी रिपोर्ट से साफ पता चलता है कि दुर्भावनापूर्ण इरादे से इसे लाया गया है जिसका मकसद अडाणी समूह के साख को बट्टा लगाना है। रिपोर्ट के बाद अडाणी समूह के शेयर लुढ़क गये। हालांकि, बाद में यह नुकसान से उबरने में कामयाब रहा। अडाणी एंटरप्राइजेज 2.5 प्रतिशत नीचे आ गया था लेकिन समूह के बयान के बाद लगभग दो बजे 1.5 प्रतिशत नीचे था। अडाणी पोर्ट एंड सेज लि. भी एक समय 6.23 प्रतिशत नीचे चला गया था। बाद में इसमें कुछ सुधार आया।
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