मंकीपॉक्स के मामले बढ़े
दुनियाभर में बढ़ी चिंता
यूरोप और अमेरिका में मंकीपॉक्स के अधिकांश मामले
हेल्थ डेस्क: मंकीपॉक्स बीमारी को लेकर दुनियाभर में चिंता बढ़ गई है। डब्लूएचओ के अनुसार, पिछले सप्ताह में लगभग 7,500 नए मामले सामने आए हैं जो इससे पहले के सप्ताह की तुलना में 20 प्रतिशत ज्यादा हैं। अब 92 देशों में 35 हजार से ज्यादा मामले हो चुके हैं। वहीं, मंकीपॉक्स से अब तक बारह लोगों की मौत हो चुकी है।
रिपोर्टें सामने आई हैं जिनमें वैक्सीन लगवाने के बाद भी लोग वायरस से बीमार पड़ रहे हैं, जिन लोगों ने संक्रमित होने के बाद वैक्सीन लगवाई उनमें दोबारा संक्रमण होने की रिपोर्टें हैं। इस वैक्सीन के बारे में दावा है कि संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए एक्सपोजर से पहले मंकीपॉक्स का टीका लगाया जा सकता है। दावा ये भी है कि संक्रमण हो जाने के बाद इसे लगवाने से गंभीर बीमारी का जोखिम कम हो जाता है।
100 फीसदी असरदार नहीं मंकीपॉक्स की वैक्सीन: डब्लूएचओ
डब्लूएचओ में मंकीपॉक्स टेक्निकल लीड डॉ. रोसमंड लेविस के अनुसार, मंकीपॉक्स की वैक्सीन 100 फीसदी असरदार नहीं है। उन्होंने कहा कि, हम शुरू से जानते हैं कि यह टीका एक रामबाण नहीं होगा और ये उन सभी अपेक्षाओं को पूरा नहीं करेगी जो इससे की जा रही हैं। इस टीके की क्षमता के संदर्भ में हमारे पास अभी ठोस डेटा नहीं है।
दूसरी तरफ डब्लूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्येयियस ने कहा है कि जिनेओस नामक मंकीपॉक्स वैक्सीन की वैश्विक आपूर्ति भी सीमित है। इस वैक्सीन का निर्माण डेनिश बायोटेक कंपनी “बवेरियन नॉर्डिक” द्वारा किया जाता है। उन्होंने कहा कि इस वैक्सीन को दुनियाभर में समान और व्यापक रूप से उपलब्ध कराया जाना चाहिए।
इन देशों में मंकीपॉक्स के अधिकांश मामले
डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों के अनुसार, अभी तक रिपोर्ट किए गए लगभग सभी मामले यूरोप और अमेरिका में हैं। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस घेब्येयियस ने कहा है कि अधिकांश रोगी पुरुष हैं जो पुरुषों के साथ यौन संबंध रखते हैं।
क्या है इलाज
मंकीपॉक्स के लिए कोई विशेष रूप से स्वीकृत उपचार नहीं हैं। अमेरिका के पास टेकोविरिमैट (टीपीओएक्सएक्स) नामक एक एंटीवायरल दवा है, जिसे चेचक के लिए रिकमेंड किया जाता है। ये दवा मंकीपॉक्स के लिए भी दी जा सकती है। लेकिन फिलहाल इसका उपयोग नहीं किया जा रहा है।