राज्य सरकार ने स्थानीय नगरपालिका को कारण बताओ नोटिस जारी किया
मोरबी नगर निगम को 25 जनवरी तक लिखित स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया गया है
उच्च न्यायालय में कहा था कि उसने नगरपालिका को भंग करने का फैसला किया है
अहमदाबाद। साल 2022 के अंत में गुजरात के मोरबी शहर में पुल ढहने से 135 लोगों की मौत होने के महीनों बाद राज्य सरकार ने स्थानीय नगरपालिका को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। नोटिस जारी करते हुए राज्य सरकार ने पूछा कि अपने कर्तव्यों का पालन करने में नाकाम रहने के लिए उसे भंग क्यों न कर दिया जाए। राज्य के शहरी विकास विभाग ने बुधवार को यह नोटिस जारी किया जिसमें मोरबी नगर निगम को 25 जनवरी तक लिखित स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है।
ये भी पढ़ें:-71 हजार लोगों को आज मिली नौकरी ,पीएम मोदी ने नवनियुक्त युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपा
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने 13 दिसंबर को गुजरात उच्च न्यायालय में कहा था कि उसने नगरपालिका को भंग करने का फैसला किया है। उच्च न्यायालय ने इस हादसे पर स्वत: संज्ञान लिया था। मोरबी शहर में मच्छु नदी पर बना केबल पुल पिछले साल 30 अक्टूबर को टूट गया था जिसमें 135 लोगों की मौत हो गयी थी। इस पुल की देखरेख मोरबी नगरपालिका के साथ हुए समझौते के तहत ओरेवा समूह कर रहा था। विभाग ने नोटिस में कहा कि पुल की देखरेख का पिछला अनुबंध 2017 में खत्म हो गया था।
ओरेवा समूह ने 2018 और 2020 के बीच मोरबी नगरपालिका को कई पत्र लिखकर पुल की जर्जर हालत के बारे में चेतावनी दी थी और आगाह भी किया था कि अगर पुल को ऐसी हालत में जनता के लिए खुला रखा गया तो गंभीर हादसा हो सकता है। नोटिस में कहा गया है कि हालांकि, नगरपालिका ने कंपनी की ऐसी चेतावनियों पर गौर नहीं किया। इसमें कहा गया है कि नगरपालिका ने अनुबंध पूरा होने के बाद 2017 में कंपनी से पुल का नियंत्रण लेने के लिए कोई ठोस कार्रवाई नहीं की और पुल की स्थिति से अवगत होने के बावजूद कोई कदम नहीं उठाया।
नोटिस में विशेष जांच दल (एसआईटी) के निष्कर्षों के हवाले से कहा गया है,कंपनी पुल की देखरेख का जिम्मा संबंधित प्राधिकरण को सौंपने में नाकाम रही और किसी भी पक्ष ने पुल की हालत सुधारने के मद्देनजर कार्रवाई नहीं की। इसमें कहा गया है कि पुल की मरम्मत, देखरेख और संचालन में ओरेवा समूह की ओर से भी कई खामियां पायी गयी हैं, जैसे कि एक वक्त में पुल पर जाने वाले लोगों की संख्या पर कोई पाबंदी नहीं थी, टिकटों की बिक्री पर कोई पाबंदी नहीं थी जिससे पुल पर काफी भीड़ एकत्र हुई।
ये भी पढ़ें:-Swiggy में काम करने वालों को झटका, कर्मचारियों को निकाला बाहर