हाईकोर्ट के नजारत विभाग से किया गया अटैच
बख्शीश कोई नई बात नहीं
चेंज की दिक्कत बनी मुसीबत
प्रयागराज, अखबारवाला। इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक कर्मचारी का फोटो खूबा वायरल हो रहा है, जिसमें कर्मचारी कमर में पेटीएम का क्यूआर कोड लगाए दिख रहा है। यानी ऑन लाइन मनी लेने का तरकीब। इस फोटो में एक वकील स्कैन कर बख्शीश देते भी दिखाई दे रहे हैं। हालांकि मामला सामने आने के बाद चीफ जस्टिस राजेश बिंदल ने इसेगंभीरता से लिया है। कर्मचारी अर्दली को सस्पेंड कर दिया है।
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हाईकोर्ट के नजारत विभाग से किया गया अटैच
हाईकोर्ट के इस कर्मचारी के निलंबन आदेश में कहा गया है कि बंडल लिफ्टर राजेंद्र कुमार-1 को परिसर में पेटीएम वॉलेट उपयोग करने के लिए तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है। निलंबन अवधि के दौरान कर्मचारी राजेंद्र कुमार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के नजारत विभाग से अटैच कर दिया गया है। यही नहीं निलंबित कर्मचारी राजेंद्र कुमार को बिना अनुमति के प्रयागराज ना छोड़ने का आदेश भी दिया गया।
बख्शीश कोई नई बात नहीं
कर्मचारी के बख्शीश लेने की ये पहलीबार फोटो 29 नवंबर को सामने आई थी। हालांकि, हाईकोर्ट में बख्शीश लेने के इस नए तरीके ने कई सारे सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि दूसरी बात ये भी है कि हाईकोर्ट में यह परंपरा पुरानी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट में बख्शीश कोई नई बात नहीं है। सूत्रों की मानें तो जब भी किसी एडवोकेट के फेवर में फैसला आता है, तो जमादार बख्शीश मांगते हैं। एडवोकेट्स अपने शौक से कुछ रुपए बतौर बख्शीश जमादार को दे देते हैं। बंडल लिफ्टर राजेंद्र कुमार-1 को इसे संस्थागत रूप देना महंगा पड़ गया। जैसे ही उन्होंने कमर में पेटीएम का क्यूआर कोड लगाया। वैसे ही लोगों ध्यान उस तरफ गया और किसी ने फोटो खींच ली।
चेंज की दिक्कत बनी मुसीबत
सूत्रों की मानें तो वकीलों को बख्शीश देने में कई बार चेंज की दिक्कत आती थी, इसीलिए राजेंद्र कुमार ने पेटीएम का क्यूआर कोड ही कमर में लगा लिया, ताकि कोई वकील चेंज न होने का बहाना न बना सके।
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