- अल्पसंख्यक महिला उत्पीड़न रोने को अकाली दल आया आगे
- अकाली दल की महिलाओं ने जताया विरोध
- तीन मूर्ति पर कर रही प्रदर्शन
नेशनल डेस्क : पाकिस्तान में लगातार अल्पसंख्यकों पर अत्याचार की खबरें सामना आ रही है। पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों की संख्या में लगातार कमी आ रही है और वे मज़हब के आधार पर उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं। इसको लेकर दिल्ली के तीन मूर्ति पर मंगलवार को प्रदर्शन किया गया और मांग की गई कि सिख लड़कियों के अपहरण और जबरन धर्मपरिवर्तन के खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए।
प्रदर्शन में खास बात ये थी कि सिख लड़कियों के साथ हो रहे अत्याचार के खिलाफ सिख महिलाओं के साथ-साथमुस्लिम महिलाओं ने भी हिस्सा लिया। वहाँ पर लगभग 50 महिलाएं एकजुट हो कर मोमबती जला कर बैनर और पोस्टर्स के ज़रिए प्रदर्शन कर रहीं थी।
पाकिस्तान हाईकमिशन को अकाली दल ने सौंपा ज्ञापन
बता दें कि पिछले दिनों पाकिस्तान में गुरुद्वारा पंजा साहिब के हैडग्रंथी की बेटी बुलबुल कौर को अगवा कर लिया गया। प्रदर्शन से एक दिन पहले बुलबुल कौर की तुरंत वापसी के लिए आकाली दल के नेताओं ने पाकिस्तान एम्बेसी का घेराव किया था। जहाँ पाकिस्तान हाईकमिशन को एक ज्ञापन भी सौंपा गया। इस ज्ञापन में ये मांग उठाई गयी है कि सिख लड़कियों के उत्पीड़न के खिलाफ जल्द से जल्द कार्यवाही हो और सख़्त नियम बने।
अकाली दल का कहना—‘एक नहीं सभी बुलबुल को करना होगा वापस’
अकाली दल की महिलाओं ने बयान दिया। उन्होंने बताया कि ‘उनके बनाए दबाव और उठी मांगो के चलते फिलहाल बुलबुल को उसके घर भेजा जा रहा है, लेकिन वो इस लिए एकजुट हुए हैं क्योंकि और ना जाने कितनी बुलबुल हैं, जो इसी उत्पीड़न का आये दिन शिकार हो रहीं हैं।’ इसके बाद उन्होंने कहा—‘उनकी इस जंग में मुस्लिम समाज की महिलाएं भी उनके साथ हैं और उनका समर्थन करने इस प्रदर्शन में पहुंची हैं।’
प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने आगे कहा कि इससे पहले ननकाना साहिब और के हैड ग्रंथी की बेटी भी अगवा की गई थी और यह संदेश देने का प्रयास किया गया कि सिख लड़कियां स्वयं धर्म परिवर्तन कर रही हैं।