कुलभूषण मामले में क्वींस काउंसल या बाहरी वकील की मांग
पाकिस्तान ने अवास्तविक बताते हुए किया खारिज
कहा – वकील के पास पाकिस्तान प्रैक्टिस का लाइसेंस होना जरूरी
नेशनल डेस्क: पाकिस्तान जेल में 2017 से बंद भारतीय नेवी के रिटायर्ड अफसर कुलभूषण जाधव के मामले में निष्पक्ष सुनवाई के लिए भारत द्वारा क्वींस काउंसल या बाहर के वकील की मांग की थी, लेकिन पाकिस्तान ने भारत की इस मांग को अवास्तविक बताते हुए खारिज कर दिया।
पाक विदेश मंत्रालय ने दिया बयान
भारत की इस मांग पर पाक विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जाहिदा हाफिज चैधरी ने कहा कि भारत लगातार बाहरी वकील की मांग कर रहा है लेकिन अंतराष्ट्रीय नियमों के मुताबिक इस अदालत में उन्हीं वकीलों को पेश होने और पैरवी करने की अनुमति है जिनके पास यहां की प्रैक्टिस का लाइसेंस हैै अन्यथा नहीं।
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अंतराष्ट्रीय न्यायालय ने दी नियुक्त की अनुमति
हालांकि पाकिस्तान की ओर से यह बयान भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के बयान के बाद ही आया है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव के मुताबिक 17 सितंबर को पाक पर अंतराष्ट्रीय न्यायालय के फैसले का पालन नहीं करने का आरोप लगाया है। बता दें कि अंतराष्ट्री न्यायालय ने कुलभूषण जाधव को बगैर किसी शर्त के राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराने, निष्पक्ष और स्वतंत्र सुनवाई के लिए क्वींस काउंसल या भारतीय वकील नियुक्त करने की अनुमति दी थी।
पाक ने पेश की नई दलील
बता दें कि भारत लंबे वक्त से कुलभूषण के केस में भारतीय वकील करने की मांग कर रहा है , लेकिन पाक इसके लिए तैयार नहीं हो रहा है। वहीं पाक का यह भी कहना है कि कुलभूषण की ओर से लड़ने वाले वकील के पास पाक में प्रैक्टिस करने का लाइसेंस होना जरूरी है। हालांकि भारत की ओर से क्वींस काउंसल की मांग रखी गई।
क्या होता है क्वींस काउंसल?
क्वींस काउंसल ब्रिटेन की महारानी का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता को दलीलें देने की मांग की थी। यह अधिवक्ता ब्रिटेन की महारानी का प्रतिनिधित्व करने वाला होता है। हालांकि भारत समेत कई देशों में अब इस तरह की परंपरा समाप्त हो गई है। आस्ट्रेलिया, कनाडा सहित कुछ ही देशों में अब यह परंपरा जारी है।