अखिल भारतीय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की बैठक
बैठक को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया संबोधित
‘ईज ऑफ लिविंग जितना ही जरूरी ईज ऑफ जस्टिस’
नेशनल न्यूज: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिल्ली में पहले अखिल भारतीय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बैठक के उद्घाटन सत्र में भाग लिया। इस मौके पर भारत के मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमना और केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू भी मौजूद रहे। अखिल भारतीय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बैठक के उद्घाटन सत्र में पीएम मोदी ने कहा कि ईज ऑफ बिजनेस और ईज ऑफ लिविंग जितना ही जरूरी ईज ऑफ जस्टिस भी है। ये समय हमारी आजादी के अमृतकाल का समय है। ये समय उन संकल्पों का समय है, जो अगले 25 वर्षों में देश को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे। देश की इस अमृतयात्रा में व्यापार करने में आसानी और जीवन में आसानी की तरह ही न्याय की आसानी भी उतनी ही जरूरी है।
यह भी पढ़ें: जम्मू-कश्मीरः बारामूला में सुरक्षा बलों ने एक आतंकी को किया ढेर, सेना का सर्च ऑपरेशन जारी
उन्होंने कहा कि न्याय का ये भरोसा हर देशवासी को ये एहसास दिलाता है कि देश की व्यवस्थाएं उसके अधिकारों की रक्षा कर रही है। इसी सोच के साथ देश ने नेशनल लीगल सर्विस अथॉरिटी की स्थापना भी की। ताकि कमजोर से कमजोर व्यक्ति को भी न्याय का अधिकार मिल सके। पीएम मोदी ने कहा कि किसी भी समाज के लिए ज्यूडिशियल सिस्टम तक एक्सेस जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी जस्टिस डिलीवरी भी है। इसमें एक अहम योगदान ज्यूडिशियल इन्फ्रास्ट्रक्चर का भी होता है। पिछले आठ सालों में देश के ज्यूडिशियल इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए तेज गति से काम हुआ है।
साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि ज्यूडिशियल इन्फ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने के लिए 9000 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे है। ई-कोर्ट मिशन के तहत देश में वर्चुअल कोर्ट शुरू की जा रही हैं। यातायात उल्लंघन जैसे अपराधों के लिए 24 घंटे चलने वाली कोर्ट ने काम करना शुरू कर दिया है। लोगों की सुविधा के लिए कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग इनफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार भी किया जा रहा है। आजादी के 75 साल का ये समय हमारे लिए कर्तव्य काल का समय है। हमें ऐसे सभी क्षेत्रों पर काम करना होगा, जो अभी तक उपेक्षित रहे है।
यह भी पढ़ें: आपका आहार कोलेस्ट्रॉल को कर सकता है प्रभावित