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Research: वजन घटाने से कम हो सकता है कैंसर का खतरा

  • वजन हमेशा गहरी स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बना रहा है

  •  वजन घटने से कैंसर तक होने का खतरा कम हो जाता है

  • नए रिसर्च में यह बात सामने आयी है 

Health News: बढ़ा हुआ वजन हमेशा  स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बना है। फिर चाहे वो डायबिटीज हो ,कोलेस्ट्रॉल हो , दिल की बीमारी हो या कैंसर ही क्यों ना हो। रिसर्च में यह बात सामने आयी है कि वजन घटने से कैंसर तक होने का खतरा बेहद कम हो जाता है। अत्यधिक वजन या अत्यधिक मोटापे से ग्रसित लोग बैरिएट्रिक सर्जरी का भी सहारा लेते हैं।

बैरिएट्रिक सर्जरी को मोटापा कम करने वाली सर्जरी कहा जाता है। जिसे लोग ओबेसिटी (Obesity) यानी अत्यधिक मोटापे को कम करने के अच्छा उपाय भी मानते है। व्यक्ति का मोटापा और वजन हद से ज्यादा बढ़ जाता है, तो ऐसे लोग कई तरह के डाईट और व्यायाम करने की कोशिश करने लगते है। मोटापा के कारण मधुमेह, स्लीप एपनिया, गठिया, उच्च रक्तचाप और स्ट्रोक जैसी कई हानिकारक बीमारियों से भी व्यक्ति घिर जाता है। विशेषज्ञ कहते है कि शरीर को हमेशा स्वस्थ और सीमित वजन में रखना ही सबसे अच्छा उपाय है

क्लीवलैंड क्लिनिक के एक नए अध्ययन में पाया गया कि मोटापे से ग्रस्त वयस्कों में, बेरिएट्रिक सर्जरी से प्राप्त वजन घटाने से कैंसर के विकास के 32 प्रतिशत कम जोखिम और सर्जरी न कराने वाले वयस्कों की तुलना में कैंसर से संबंधित मृत्यु का 48 प्रतिशत कम जोखिम पाया गया। मर्सी मेडिकल सेंटर में मैरीलैंड बेरिएट्रिक सेंटर के निदेशक डॉ. कुलदीप सिंह के अनुसार लंबे समय तक वजन घटाने का एकमात्र ज्ञात तरीका बैरियाट्रिक सर्जरी ही है।

उनके मुताबिक एक बार जब कोई व्यक्ति अपना वजन कम कर लेता है, तो शरीर में कुछ कैंसर की संभावना भी कम हो जाती है। कुल शरीर में वसा का संचय यह एक बहुत सक्रिय अंग प्रणाली है। यह हार्मोन बनाता है जो व्यक्ति को कुछ कैंसर जैसे स्तन, कोलन, प्रोस्टेट, एंडोमेट्रियल और डिम्बग्रंथि के कैंसर से ग्रसित होने से बचाता है। गौरतलब है कि बेरिएट्रिक सर्जरी से ना केवल कैंसर का खतरा कम होता है, बल्कि ये उन कैंसर से मरने का खतरे को भी समाप्त कर देता है।

बैरिएट्रिक सर्जरी के बाद कुछ बातों का विशेष ख्याल रखना बेहद जरुर

  • सर्जरी के बाद मरीज के घाव को सूखा और साफ रखन बेहद जरुरी है।
  • सर्जरी के सात से दस दिनों के बाद टांके या स्टेपल को भले ही हटा दिया जाता है। लेकिन आपको अपनी पट्टी को रोजाना बदलते रहना है।
  • अत्यधिक चुस्त यानि टाइट कपडे ना पहनने।
  • जबतक ऐसे मरीज का घाव ठीक नहीं होता तब तक बिलकुल ना नहाएं
  • इतना ही नहीं बिना चिकिस्तक के निर्देश के आप किसी भी स्विमिंग पूल, हॉट टब या बाथ टब में ना भीगे
  •  इस सर्जरी के बाद कम से कम 2 दिनों के लिए तरल आहार पर ही रहना आवश्यक है।
  • इस दौरान केवल नरम खाद्य पदार्थ जैसे कि दलिया, सर्ड, अंडे का सफेद आदि का ही सेवन करें।
  • मरीज को सर्जरी के बाद नियमित रूप से चलने की सलाह दी जाती है और सर्जरी के 3 महीने बाद ही उचित व्यक्ति को शारीरिक व्यायाम शुरू कर देना चाहिए।
  • मरीज के स्वास्थ्य के बेहतरी के लिए चिकिस्तक उन्हें विटामिन और खनिज की खुराक लेने की सलाह दे सकते है।

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