‘भारत जोड़ो यात्रा’ में शामिल हुईं रोहित वेमुला की मां
हैदराबाद विश्वविद्यालय का छात्र था रोहित
उत्पीड़न के चलते की आत्महत्या
नेशनल डेस्क:-कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा हैदराबाद (hydrabad)में प्रवेश कर चुकी है। इसी बीच 2016 में हैदराबाद विश्वविद्यालय (hydrabad univercity)में उत्पीड़न की वजह से जान देने वाले रोहित वेमुला की मां भी यात्रा में शामिल हुई।कांग्रेस ने अपनी आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से वेमुला की मां के आने की जानकारी दी । साथ ही कुछ तस्वीरें भी साझा की।
#BharatJodoYatra – A journey measured in smiles not miles. pic.twitter.com/Oqwlt4lCB1
— Congress (@INCIndia) November 1, 2022
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राहुल गांधी ने किया ट्वीट
वायनाड सांसद राहुल गांधी ने भी रोहित वेमुला(Rohit Vemula) की मां से मुलाकात करने के बाद एक ट्वीट किया और तस्वीरें साझा कि राहुल ने लिखा कि रोहित वेमुला, सामाजिक भेदभाव(social discrimination) और अन्याय के विरुद्ध मेरे संघर्ष का प्रतीक है, और रहेगा। रोहित की माताजी से मिल कर, यात्रा के लक्ष्य की ओर बढ़ रहे कदमों को नया साहस, और मन को नई शक्ति मिली।
रोहित वेमुला, सामाजिक भेदभाव और अन्याय के विरुद्ध मेरे संघर्ष का प्रतीक है, और रहेगा।
रोहित की माताजी से मिल कर, यात्रा के लक्ष्य की ओर बढ़ रहे कदमों को नया साहस, और मन को नई शक्ति मिली। pic.twitter.com/7XrVSqnptF
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 1, 2022
रोहित की मां ने किया ट्वीट
वहीं राधिका वेमुला(Radhika Vemula) ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘भारत जोड़ो यात्रा(bharat jodo yatra) के प्रति एकजुटता दिखाई. राहुल गांधी के साथ चली और कांग्रेस से संविधान को बीजेपी-आरएसएस के हमले से बचाने, रोहित वेमुला को न्याय दिलाने, रोहित अधिनियम पारित कराने(to pass an act), उच्च न्यायपालिका(higher judiciary) में दलितों का प्रतिनिधित्व बढ़ाने(To increase the representation of Dalits), सभी के लिए शिक्षा सुनिश्चित करने का आह्वान किया.’
Extended solidarity to @bharatjodo Yatra, walked with @RahulGandhi, and called upon @INCIndia to save Constitution from BJP-RSS assault, Justice for Rohith Vemula, passing Rohith Act, increasing representation of Dalits, oppressed sections in higher judiciary, education for all. pic.twitter.com/zuVg26xLQY
— Radhika Vemula (@vemula_radhika) November 1, 2022
रोहित ने लड़ी न्याय की लड़ाई
दरअसल 26 वर्षीय रोहित की 17 जनवरी 2016 को मौत हो गई थी. इस घटना ने उच्च शिक्षा संस्थानों में जातिवाद (Casteism)के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन छेड़ दिया था। रोहित ने आत्महत्या से पहले लिखे अपने लैटर में किसी को दोषी नहीं ठहराया था। उन्होंने हैदराबाद सेंट्रल युनिवर्सिटी के हॉस्टल के एक रूम में फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया था। वह आंबेडकर स्टूडेंट्स एसोसिएशन (Ambedkar Students Association)के मेंबर थे और कॉलेज कैंपस में दलितों के हक और न्याय की लड़ाई के लिए मशहूर थे।
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