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TMC और कांग्रेस के बीच तनातनी, भाजपा, कांग्रेस और लेफ्ट के बीच मिलीभगत का आरोप

  • पीएम मोदी से भिड़ने की जगह आपस में ही लड़ रहा विपक्ष

  • टीएमसी और कांग्रेस के बीच तनातनी बढ़ी

  • सुष्मिता देव ने कांग्रेस को कंफ्यूज पार्टी बताया

National Desk: अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा को पटखनी देने की जगह विपक्ष आपस में ही भिड़ता हुआ नजर आ रहा है। खास तौर पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी की मुखिया ममता बनर्जी और कांग्रेस के बीच तकरार लगातार बढ़ती जा रही है। ममता बनर्जी की ओर से राहुल गांधी को विपक्ष का चेहरा बनाए जाने के मुद्दे पर हमलावर होने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने तीखा जवाब दिया था।

अब टीएमसी की नेता और सांसद सुष्मिता देव ने चौधरी को जवाब देते हुए कांग्रेस को पूरी तरह क॔फ्यूज पार्टी बताया है। उन्होंने कांग्रेस पर अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग रवैया अपनाने का आरोप भी लगाया। सियासी जानकारों का मानना है कि 2024 की सियासी जंग में एकजुटता की बात तो दूर विपक्षी दल आपस में ही उलझते हुए नजर आ रहे हैं। भाजपा को विपक्ष के इस बिखराव का पहले भी फायदा मिला है और अब एक बार फिर पार्टी इस मामले में फायदा उठा सकती है।

संसद के दोनों सदनों में अडानी के मुद्दे को लेकर चल रहे हंगामे में भी टीएमसी कांग्रेस से अलग होकर अपनी रणनीति के हिसाब से काम कर रही है। इसका नजारा मंगलवार को भी दिखा। तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने अडानी मामले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चुप्पी तोड़ने की तो मांग की मगर उन्होंने इस मुद्दे को लेकर अपना अलग प्रदर्शन किया। तृणमूल कांग्रेस के अलग प्रदर्शन करने के संबंध में जब सुष्मिता देव से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कांग्रेस के खिलाफ जमकर हमला बोला।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पूरी तरह कंफ्यूज पार्टी है। ईडी के एक्शन को लेकर भी पार्टी का रवैया समझ से परे है। जब पश्चिम बंगाल में ईडी की ओर से कोई कार्रवाई की जाती है तो कांग्रेस की ओर से उसे सही कदम बताया जाता है मगर जब नेशनल हेराल्ड केस में ईडी की ओर से एक्शन तेज किया जाता है तो कांग्रेस विरोध जताने के साथ केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाने लगती है।

उन्होंने कांग्रेस की नीतियों को लेकर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा में हाल में हुए चुनाव के दौरान कांग्रेसी ने सीपीएम के साथ हाथ मिलाया था जबकि केरल में कांग्रेस सीपीएम के खिलाफ ही संघर्ष करती हुई नजर आती है। कांग्रेस का यह दोहरा रवैया यह बताने के लिए काफी है कि पार्टी पूरी तरह कन्फ्यूजन का शिकार हो चुकी है। दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस का रवैया बिल्कुल पूरी तरह साफ है और वह पूरी मजबूती के साथ भाजपा के खिलाफ संघर्ष कर रही है।

राहुल गांधी के खिलाफ ममता बनर्जी का बयान

कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तकरार की शुरुआत हाल में पश्चिम बंगाल की सागरदिघी विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के बाद शुरू हुई थी। इस उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी की जीत के बाद ममता बनर्जी ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला था। उन्होंने भाजपा, कांग्रेस और लेफ्ट के बीच मिलीभगत का बड़ा आरोप भी लगाया था। अभी हाल में मुर्शिदाबाद के पार्टी कार्यकर्ताओं को वर्चुअल ढंग से संबोधित करते हुए ममता ने राहुल गांधी को विपक्ष का चेहरा बनाए जाने पर सवाल खड़े किए थे।

उनका कहना था कि यदि राहुल गांधी विपक्ष का चेहरा बने तो पीएम मोदी को कभी नहीं हराया जा सकता। भाजपा सोची-समझी रणनीति के तहत राहुल गांधी को नेता बनाने की कोशिश में जुटी हुई है। उन्होंने राहुल गांधी को पीएम मोदी की टीआरपी तक बता डाला था। उनका कहना था कि राहुल गांधी के बयान को लेकर संसद में भाजपा की ओर से उठाए जा रहे सवाल राहुल गांधी को नेता बनाने की रणनीति का हिस्सा है।

ममता पर बरसे अधीर रंजन चौधरी

ममता बनर्जी के इस बयान पर कांग्रेसी नेता अधीर रंजन चौधरी ने तीखी प्रतिक्रिया जताई थी। उनका कहना था कि सच्चाई तो यह है कि ममता बनर्जी ने खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ डील कर ली है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर हमला करके ममता बनर्जी विपक्ष में बिखराव पैदा करनी चाहती हैं और इसके साथ ही उनका मकसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुश करना है।

उनका कहना था कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के नेता विभिन्न मामलों में फंसे हुए हैं। ममता बनर्जी खुद को ईडी और सीबीआई से बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुश करने की कोशिश में जुटी हुई है। इसी कारण उनकी ओर से राहुल गांधी को निशाना बनाया जा रहा है।

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