- जल्द ही उत्तर प्रदेश के हर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को टेली-परामर्श की सुविधा से जोड़ा जाएगा
- पीएचसी बहुत शीघ्र ‘टेली कंसल्टेंसी’ और ‘टेलीमेडिसिन’ जैसी सुविधाओं से होंगे लैस
- प्रदेश के 4600 से अधिक PHC को राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल के साथ ही SGPGI व KGMU से जोड़ दिया जाएगा
वाराणसी/लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाओं के महत्व पर जोर देते हुए रविवार को कहा कि सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) बहुत शीघ्र ‘टेली कंसल्टेंसी’ और ‘टेलीमेडिसिन’ जैसी सुविधाओं से लैस होंगे। वाराणसी में ‘यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज (यूएचसी) दिवस 2022’ के समापन समारोह को संबोधित करते हुए योगी आदित्यनाथ ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 4600 से अधिक पीएचसी को राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल के साथ ही एसजीपीजीआई तथा केजीएमयू से जोड़ दिया जाएगा। इसके लिए प्रदेश के स्वास्थ्यकर्मियों को विशेष रूप से प्रशिक्षित भी किया जाएगा।
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उन्होंने यह भी कहा कि जल्द ही उत्तर प्रदेश के हर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को टेली-परामर्श की सुविधा से जोड़ा जाएगा। इसके साथ ही टेलीमेडिसिन के लिए सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर हेल्थ एटीएम भी लगाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के 4600 से अधिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को हेल्थ एटीएम से जोड़ा जाएगा, जिससे एक ही केंद्र पर 60 प्रकार की बीमारियों की जांच की सुविधा उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए पैरामेडिकल स्टाफ को उचित प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने सम्मेलन की विषय वस्तु टू बिल्ड द वर्ल्ड, वी वांट हेल्दी फ्यूचर फॉर ऑल (दुनिया का निर्माण करने के लिए, हम सभी के लिए एक स्वस्थ भविष्य चाहते हैं) को भारतीय भावना ”सर्वे भवंतु सुखिनः, सर्वे संतु निरामया” के साथ जोड़ा। उन्होंने कहा कि भारत ने जाति, मत, मजहब की बात नहीं की, बल्कि पूरी दुनिया में सबके सुख और आरोग्य की कामना की। उन्होंने विश्व योग दिवस को इसका सबसे बड़ा उदाहरण बताया और कहा कि भारत के योग के साथ दुनिया के 200 देश जुड़ चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत को स्वास्थ्य एवं आरोग्य केंद्र के बड़े अड्डे के रूप में देखा जा रहा है, हमें भी इसे हाथोंहाथ लेना होगा। मुख्यमंत्री ने समारोह में देश के 22 राज्यों से आए स्वास्थ्य अधिकारियों और पांच राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों और 900 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि काशी भगवान शिव की नगरी होने के साथ भगवान धन्वंतरि की जन्मस्थली भी है। उन्होंने कहा कि यह पवित्र शहर दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कर्मभूमि है और काशी में स्वास्थ्य को लेकर यह कार्यशाला देश को एक नया संदेश देगी।
प्रधानमंत्री की तारीफों के पुल बांधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में सबसे महत्वपूर्ण चीज समय पर सही फैसले करना है, दुनिया की सबसे बड़ी महामारी के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने सटीक और सही निर्णय लिए। उन्होंने कहा कि भारत का स्वास्थ्य आधारभूत ढांचा उतना मजबूत नहीं था जितना दुनिया के कई विकसित देशों में था, लेकिन हमारे प्रधानमंत्री की समय पर निर्णय लेने की क्षमता ने इसे दुनिया के लिए एक मॉडल बना दिया।
सम्मेलन में आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, दादरा नगर हवेली और दमन एवं दीव, गोवा, गुजरात, जम्मू और कश्मीर, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम के स्वास्थ्य अधिकारियों सहित 22 राज्यों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। राज्य सरकार की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि सम्मेलन के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया भी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री ने इन्सेफलाइटिस जैसी जानलेवा बीमारी का उल्लेख करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के लगभग 38 जिलों में आधी सदी तक इस बीमारी ने मासूमों को असमय काल का ग्रास बनाया और 40 वर्ष में 50 हजार से ज्यादा बच्चों की मौत हुई। उन्होंने कहा कि जापान में वर्ष 1905 में इसका टीका बना दिया गया था, मगर भारत में इसका टीका विकसित करने में 100 वर्ष लगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार ने अंतरविभागीय समन्वय स्थापित करके इस बीमारी पर 95 प्रतिशत तक काबू पा लिया है और अब सरकार इसे पूर्ण रूप से समाप्त करने की दिशा में तेजी से बढ़ रही है।
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