Breaking News

Vighnaraja Sankashti Chaturthi: आज इस विधि से करेंगे पूजन को मिलेगा मनचाहा पार्टनर

  • गणपति बप्पा की पूजा का दिन है विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी
  • इस पूजन विधि से करें श्री गणेश की पूजा
  • गणपति देेेते हैं इस दिन संतान प्राप्ति का आशीर्वाद

र्म डेस्क: हिंदू पंचांग के अनसुार प्रत्येक मास की प्रत्येक तिथि को कोई न कोई त्यौहार, पर्व व व्रत पड़ता है। आज 05 सितंबर को अश्विनी मास के कृष्ण मास की चतुर्थी तिथि को विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी का पर्व मनाया जाएगा। प्रत्येक चतुर्थी की तरह इस दिन भगवान गणेश की पूजा के साथ-साथ इनका व्रत आदि किया जाता है। इसके अलावा इसका महत्व क्या तथा पूजन विधि क्या हैै। आइए विस्तारपूर्वक जानते हैं-

महत्व- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सर्व प्रथम पूजनीय भगवान गणेश की प्रत्येक कार्य के पहले आराधना की जाती है। कहा जाता है जो लोग अपने घर में किसी प्रकार का मांगलिक कार्य करने से पहले इनका पूजन-अर्चन नहीं करते उनके घर में सुख-समृद्धि की हमेशा कमी रहती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी के दिन गणपति बप्पा की पूजा करने से विवाह में आने वाले अड़चने दूर होती हैं, तथा शादी में हो रही देरी शीघ्रता में बदल जाती है।

साथ ही साथ जिस दंपत्ति को संतान की प्राप्ति न हो, उनको भगवान गणेश से संतान प्राप्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके अलावा इस दिन व्रत आदि करने से घर में शुभता आती है क्योंकि शास्त्रों में विघ्नहर्ता गणेशा को शुभता का प्रतीक माना गया है। मान्यता ये भी है कि जो लोग संकष्टी चतुर्थी का व्रत पूरी श्रद्धा भाव से रखते हैं भगवान गणेश उनके सभी संकटों को दूर करते हैं।

पूजा विधि-
चतुर्थी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर,स्नान आदि समस्त कार्यो से निवृत्त हो साफ़ वस्त्र धारण करें।

इसके बाद पूजन स्थल की अच्छे से स्वच्छ कर लें, गंगाजल का छिड़काव करें।

अब यहां एक चौकी स्थापित कर, उस पर पीले रंग का कपड़ा बिछाएं।

फिर इस पर स्वास्तिक बनाकर चावल और फूल से इसकी पूजा करें तथा भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें और दीपक और धूप जलाएं।

गणेश जी के मस्तक पर कुमकुम का तिलक लगाकर उनकेचरणों में दूर्वा घास अर्पित करें।

बता दें शास्त्रों के मुताबिक भगवान गणेश को दूर्वा अधिक प्रिय है। इसलिए चतुर्थी व्रत में दूर्वा अवश्य अर्पित की जाती है।

आखिर में इनकी स्तुति, गणेश चालीसा और गणेश अष्टकम का पाठ करने के बाद इनकी आरती करें। इसके बाद भगवान गणेश जी श्रद्धा भाव से आरती करें।

संभव हो तो इन्हें आज के दिन लड्डू या मोदक का ही भोग लगाएं।

About News Desk

Check Also

Aaj ka Rashifal 25 April 2023: जानें कैसा बीतेगा आपका आज का दिन

जानें इन राशि वालों का कैसा बीतेगा आज का दिन किन राशि वालों को होगा …