प्रयागराज हिंसा के मास्टर माइंड को मिली जमानत
10 जून को जुमे की नमाज के बाद भड़की थी हिंसा
न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने दी जमानत
प्रयागराज: संगम नगरी प्रयागराज में 10 जून को जुमे की नमाज के बाद अटाला व कई स्थानों पर पुलिस और जनता के बीच झड़प, आगजनी व हिंसा के मामले में गिरफ्तार किए गए मास्टरमाइंड जावेद मोहम्मद को न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने जमानत दे दी है। अधिवक्ता मंच के अधिवक्ता शम्सुल इस्लाम के बहस पर फेसबुक पर कथित विवादित पोस्ट लिखने पर दर्ज प्राथमिकी ( अपराध संख्या 167/2000 ) में जमानत दे दी है। जमानत आदेश के अनुसार पुलिस समय देने के बावजूद जावेद मोहम्मद का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नही प्रस्तुत कर सकी।
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इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट की धारा 67 के अंतर्गत दायर प्राथमिकी में जावेद मोहम्मद पर आरोप था कि उन्होंने फेसबुक पर पोस्ट लिख कर शहर का अमन चैन बिगाड़ने की कोशिश की। उनके वकील का तर्क था कि फेसबुक और व्हाट्सएप के माध्यम से जावेद मोहम्मद ने शहर के नागरिकों को मुस्लिम समाज को शांति से रहने और कानून को अपने हाथ मे न लेने की अपील की थी। बता दें कि 10 जून की घटना पर खुल्दाबाद और करेली थाने में कुल पांच एफआईआर में नामजद किया। उनके अधिवक्ता की दलील थी कि घटना के दिन वे पूरे दिन घर पर थे। उसके एक दिन पहले वे वरिष्ठ पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ थे। उनके खिलाफ कोई कोई आपराधिक केस नहीं रहा। बंदी बनाये जाने की अवधि में ही जुलाई में जिलाधिकारी प्रयागराज ने उन पर रासुका लगा दिया। वे इस समय देवरिया जेल में निरूद्ध हैं।
12 जून को जावेद मोहम्मद के नाम पर उनकी पत्नी परवीन फातिमा के नाम पर निर्मित करोड़ों के मकान को बुलडोजर से गिरा दिया और गिराने के पहले 10 जून को उनकी पत्नी परवीन फातिमा और बेटी रुकय्या फातिमा को बिना एफआईआर वारंट के तीन दिन तक महिला थाना में गिरफ्तार करके रखा गया। अधिवक्ता मंच के राजवेंद्र सिंह, सईद सिद्दीकी व के के राय ने जमानत आदेश पर खुशी व्यक्त कर न्यायपालिका पर अपने निष्ठा को जताया।
प्रयागराज से अखबारवाला.कॉम के लिए सैय्यद आकिब रजा की रिपोर्ट।
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