ज्ञानवापी मामले पर कोर्ट का बड़ा फैसला
कोर्ट ने शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग खारिज
हिंदू पक्ष ने लगाई थी याचिका
वाराणसी: ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष को झटका लगा है। मस्जिद में मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग और वैज्ञानिक जांच की मांग को वाराणसी कोर्ट ने खारिज कर दिया है। अदालत ने फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि वजूखाने में मिले शिवलिंग संरक्षित रखने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया था। आम जनमानस की भावना आहत न हो और तथ्यों के साथ कोई छेड़छाड़ न हो। कार्बन डेटिंग से इससे नुकसान का खतरा होने की वजह से मांग को खारिज कर दिया गया। वाराणसी जिला अदालत के इस फैसले को हिंदू पक्ष के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार जहां शिवलिंग पाया गया है, उस जगह को सुरक्षित रखा जाए। ऐसे में अगर कार्बन डेटिंग के दौरान कथित शिवलिंग को क्षति पहुंचती है, तो यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन होगा। इससे आम जनता की धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंच सकती है। जिस वक्त ज्ञानवापी मामले की सुनवाई चल रही थी उस वक्त दोनों पक्ष, उनके वकील, सरकारी वकील और कोर्ट कमिश्नर को मिलाकर 59 लोग कोर्ट में मौजूद थे।
दरअसल, हिन्दू पक्ष की अपील के बाद इस साल मई में ज्ञानवापी का सर्वे किया गया था। इस दौरान वजूखाने में शिवलिंग समेत कई अन्य हिन्दू प्रतीकों मिलने का दावा किया जा रहा है। हिंदू पक्ष की माने तो सर्वे में मिला शिवलिंग आदिविशेश्वर महादेव हैं, जबकि मुस्लिम पक्ष इसे फव्वारा बता रहा है। जिसे लेकर कार्बन डेटिंग की मांग चार महिलाओं ने की थी। जिसके बाद शुक्रवार को वाराणसी के जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत इस मामले में फैसला सुनाया है।
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