एक बार फिर सिद्धू मूसेवाला की सुनी जाएगी आवाज
गुरूपर्रुव पर रिलीज हुआ मूसेवाला का गाना
रिलीज होते ही गाने को मिले 1.96 व्यूज
VAAR सुनकर हुए फैंस खुश
मनोरंजन डेस्क:- 8 नवंबर मंगलवार(Tuesday) को गुरू नानक जी की जयंती मनाई गई । सिख धर्म में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ ये गुरूपर्व(guruparva) मनाया जाता है. इसी खास अवसर पर सिद्धू मूसेवाला (Sidhu Musewala)का एक और नया गाना रिलीज किया गया है। इस गाने में सिख वीरता की सराहना की गई है । ये मूसेवाला की हत्या के बाद रिलीज किया गया दूसरा गाना है।
1 मिनट में मिले 1.96 लाख व्यूज
मूसेवाला का ये गाना जैसे ही रिलीज हुआ । 1 मिनट के अंदर ही इस गाने को 1.96 व्यूज और इतने ही गाने को लाइक मिल गए। इस गाने को लाखों लोग सुन रहे हैं। औऱ गाने की सराहना करते हुए मूसेवाला को याद कर रहे हैं। वहीं मूसेवाला के इंस्टाग्राम(instagram) पर इस गाने के कैप्शन में लिखा गया है कि “जब तक शेरों के अपने इतिहासकार नहीं होंगे, शिकार का इतिहास हमेशा शिकारी का महिमामंडन करेगा. वार प्लेइंग नाउ” ।
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गाने का नाम रखा वार
सिद्धऊ मूसेवाला के इस गाने का नाम VAAR रखा गया है। सिद्धू मूसेवाला की मौत के बाद पहला गाना “एसवाईएल” रिलीज किया गया था। इसे महज दो दिनों में यूट्यूब पर 25 मिलियन व्यूज मिल चुके थे।इस गाने ने बाद में बिलबोर्ड रिकॉर्ड सूची (billboard record list)में जगह बनाई। हालांकि, भारत सरकार द्वारा कानूनी मुद्दों के(of legal issues) बाद गाने को यूट्यूब (YouTube) से हटा दिया गया था।
2016 में गाना लिखना शुरु किया
सिद्धू मूसेवाला 2016 में गाना लिखना शुरू किया थ। उन्होंने “लाइसेंस” के साथ शुरुआत की और एक सिंगर के रूप में उन्होंने 2017 में एक युगल गीत “जी वैगन” के साथ अपने करियर की यात्रा शुरू की थी।गिग आने के बाद उन्होंने ब्राउन बॉयज(brown boys) के साथ कई ट्रैकों के लिए सहयोग किया. सिद्धू अपने ट्रैक “सो हाई” के साथ मेनस्ट्रीम में आए। इसके बाद सिद्धू मूसेवाला की 29 मई 2022 को उनके गांव मानसा (mansa)में हत्या कर दी गई थी.
जानिए कौन हैं सरदार हरि सिंह नलवा
वहीं आपको बता दें कि जिसका जिक्र मूसेवाला के गाने में किया गया वे सरदार हरि सिंह नलवा(Sardar Hari Singh Nalwa) महाराजा रंजीत सिंह के सेना अध्यक्ष थे। एक महान लड़ाके हरि सिंह नलवा ने पठानों के विरुद्ध कई युद्धों का नेतृत्व किया है ।और महाराजा रंजीत सिंह (Maharaja Ranjit Singh)को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। उनके नेतृत्व के कारण ही सिख साम्राज्य की सीमा को सिंधु नदी के परे खैबर दर्रे तक पहुंचा दिया था।हरि सिंह नलवा एक बार महाराजा रणजीत सिंह के साथ शिकार पर थे। इस दौरान उनका सामना शेर से हो गया, लेकिन हरि सिंह नलवा ने मुकाबला करते हुए शेर का जबड़ा हाथों से ही चीर दिया था।
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