बिहार में 35 लोकसभा सीटें जीतने का लक्ष्य
भ्रष्टाचार व कानून व्यवस्था पर होगी लड़ाई
9 अगस्त को नीतीश कुमार ने लिया एनडीए गठबंधन छोड़ने का फैसला
Bihar Politics: बिहार में जदयू के साथ गठबंधन टूटने के बाद अब भाजपा ने नीतीश कुमार की अगुवाई वाले महागठबंधन के खिलाफ आक्रामक रणनीति अपनाने का फैसला किया है। गत 9 अगस्त को नीतीश कुमार के एनडीए गठबंधन छोड़ने के फैसले के बाद भाजपा कोर कमेटी की पहली बैठक में बिहार में पार्टी की भावी रणनीति की रूपरेखा तैयार की गई। पार्टी ने बिहार की खराब कानून व्यवस्था और भ्रष्टाचार को लेकर हमलावर रुख अपनाने का फैसला किया है।
बिहार में नीतीश कुमार के एनडीए छोड़ने के फैसले के बाद भाजपा की पहली महत्वपूर्ण बैठक थी। माना जा रहा है कि पार्टी और नीतीश कुमार के खिलाफ बड़ी लड़ाई लड़ेगी और आने वाले दिनों में विभिन्न मुद्दों को लेकर जोरदार अभियान छेड़ा जाएगा।
भ्रष्टाचार व कानून व्यवस्था पर होगी लड़ाई
नीतीश कुमार के साथ गठबंधन टूटने के बाद भाजपा कोर कमेटी की मंगलवार को देर शाम हुई पहली बैठक में बिहार के सियासी हालात पर करीब साढ़े तीन घंटे तक गहन मंथन किया गया। नड्डा और शाह ने बिहार के नेताओं से राज्य की जमीनी हकीकत जानने की कोशिश के साथ ही महागठबंधन के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए पार्टी नेताओं को मंत्र भी दिए। दोनों नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि अब महागठबंधन के खिलाफ सीधी लड़ाई लड़ने के लिए पार्टी नेताओं को पहले से ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी।
बैठक में नीतीश की अगुवाई में बनी नई सरकार के कामकाज की कड़ी निगरानी करने का निर्देश दिया गया। भ्रष्टाचार और कानून व्यवस्था से जुड़े हुए मुद्दों को जनता और विधानसभा में जोर-शोर से उठाने का फैसला किया गया। इन दोनों मुद्दों को लेकर पार्टी अब आक्रामक रणनीति अपनाएगी।
पार्टी का 35 सीटें जीतने का बड़ा टारगेट
बैठक के बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल ने महागठबंधन को बिहार की जनता को धोखा देने वाला गठबंधन बताया। उन्होंने बताया कि पार्टी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में राज्य की 40 में से 35 सीटें जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया है। उन्होंने कहा कि पार्टी बिहार में यह लक्ष्य हासिल करके कीर्तिमान स्थापित करेगी।
पार्टी ने 2019 का लोकसभा चुनाव जेडीयू के साथ गठबंधन करके लड़ा था। मौजूदा समय में बिहार से पार्टी के 17 लोकसभा सांसद हैं जबकि 16 सीटों पर जदयू को जीत हासिल हुई थी। एनडीए गठबंधन में शामिल लोजपा ने 6 सीटों पर जीत हासिल की थी। अब जदयू के साथ गठबंधन टूटने के बाद पार्टी ने पूरी ताकत के साथ लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है।