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गुजरात में लागू होगा समान नागरिक संहिता! सीएम भूपेंद्र पटेल ने समिति बनाने का लिया फैसला, रिटायरर्ड जस्टिस की अध्यक्षता में बनेगी कमेटी

  • गुजरात चुनाव से पहले बीजेपी का दांव

  •  लागू होगा समान नागरिक संहिता!

  • सीएम पटेल ने समिति बनाने का लिया फैसला

  • रिटायरर्ड HC के जस्टिस की अध्यक्षता में बनेगी कमेटी

गुजरात डेस्क: गुजरात विधानसभा चुनाव (Gujarat Vidhansabha Election 2022) से पहले बीजेपी (BJP) ने नया दांव खेल दिया है। सीएम भूपेंद्र पटेल (Gujarat CM Bhupendrabhai Patel) ने प्रदेश में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) लागू करने का फैसला लिया है। समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए एक समिति (Committee) गठित की जाएगी।

रिटायर्ड जस्टिस की अध्यक्षता में गठित होगी कमेटी 

सीएम भूपेंद्र पटेल ने कैबिनेट बैठक (Cabinate Meeting) में फैसला किया कि हाई कोर्ट (High Court) के रिटायर्ड जस्टिस (Retired Justice) की अध्यक्षता में कमेटी गठित की जाएगी। उन्होंने समान नागरिक संहिता गुजारात में लागू करने का फैसला ऐसे समय में किया है जब जल्द ही विधानसभा के चुनाव होने वाला है।

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गृह मंत्री ने दी जानकारी

गुजरात के गृह मंत्री ने इस बारे में जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह () के नेतृत्व में सीएम भूपेंद्र पटेल ने आज ऐतिहासिक फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि कैबिनेट बैठक में राज्य में समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए कमेटी बनाने का फैसला किया गया है। समिति में शामिल किए जाने वाले लोगों के नामों की घोषणा जल्द ही की जाएगी।

केंद्रीय मंत्री ने दी प्रतिक्रिया

इस फैसले के बाद से ही केंद्रीय मंत्रियों की प्रतिक्रिया आनी भी शुरु हो गई हैं। केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड लाने से सभी लोगों को एकसमान अधिकार मिलेगा। वहीं, रेल राज्य मंत्री दर्शना जरदोश ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ट्वीट कर फैसले का स्वागत किया है। दर्शना जरदोश ने लिखा कि गुजरात सरकार समान नागरिक संहिता के जरिये राज्य के प्रत्येक नागरिक को समान कानूनी सुरक्षा और संरक्षण प्रदान करने के लिए तैयार है। मैं इस कानून का स्वागत करती हूं।

उत्तराखंड सरकार भी बना चुकी है समिति

बता दें कि इससे पहले उत्तराखंड में भी सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई में कमेटी गठित की। समिति ने सुझाव के लिए वेबसाइट भी लॉन्च की थी। उन्होंने लोगों से ई-मेल के जरिये भी सुझाव मांगे थे।

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क्या है समान नागरिक संहिता?

समान नागरिक संहिता का मतलब है कि सभी धर्म, जाति या लिंग के लोगों के लिए एक समान नियमों का होगा। जानकारों का मानना है कि शादी, तलाक, बच्चा गोद लेने या संपत्ति के बंटवारे जैसे मसलों में समान नियमों के तहत फैसले किए जाने से न्यायपालिका का बोझ हल्का हो जाएगा।

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